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अभिषेक हत्याकांड में आया कोर्ट का फैसला.....

 अभिषेक हत्याकांड में कोर्ट का आया फैसला

              अभिषेक हत्याकांड में कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। इस हत्याकांड में शामिल प्रोफ़सर किम्सी जैन को सजा से मुक्त कर दिया है और उसके पति तथा पति के भाई को आजीवन कैद की सजा सुनाई है। यह फैसला 5 साल बाद आया है जिसमें जज ने कहा है कि किनसे जैन के विरुद्ध अपराध प्रमाणित नहीं हो पाया है इसलिए उनको बाइज्जत बरी किया जाता है तथा उसके पति और उसके चाचा ससुर को आजीवन कैद की सजा सुनाई जाती है। यह फैसला न्यायाधीश द्वारा ऑनलाइन सुनवाई में दी गई।
             आज से 5 साल पहले नवंबर 2015 में शंकराचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज के चेयरमैन के इकलौते बेटे अभिषेक मिश्रा के अपहरण की खबर आई। इस खबर से पूरे प्रदेश को झटका लगा क्योंकि इस तरह की घटना छत्तीसगढ़ के लिए सामान्य बात नहीं थी। पुलिस प्रशासन भी इस घटना की गुत्थी सुलझाने में लग गए। अंत में उन्होंने कॉल डिटेल के आधार पर शक की सुई उसी के कॉलेज में प्रोफेसर रह चुकी किम्सी जैन की तरफ गई।
              पुलिस प्रशासन ने कॉल डिटेल को आधार मानकर तथा किडनैपिंग की घटना के आधार पर चले 45 दिनों के छानबीन के पश्चात किम्सी जैन के पति के भाई अजीत सिंह के स्मृति नगर निवास के बगीचे में अभिषेक मिश्रा की सड़ी गली लाश बरामद हुई। उन्होंने अभिषेक मिश्रा की लाश को दफना कर उसके ऊपर सब्जी उगा दीथी। पुलिस ने लाश के साथ पड़ी हाथ का कड़ा, अंगूठी और लॉकेट देखकर अभिषेक मिश्रा की लाश होने की पहचान की। पुष्टि के लिए लाश का डीएनए टेस्ट भी किया गया।इस वारदात में अभिषेक मिश्रा के कालेज में कार्य कर चुकी किम्सी जैन, उसके पति विकास जैन और चाचा ससुर अजीत सिंह को गिरफ्तार किया गया था और दुर्ग जिला न्यायालय में 5 साल से मामला चल रहा था। जिस पर आज फैसला सुनाया गया।

विवाद किस बात पर था

             दरअसल किम्सी जैन अभिषेक मिश्रा के कालेज में पूर्व में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत थी।इस बीच किम्सी जैन और अभिषेक मिश्रा के बीच नजदीकियां बढ़ीं और किन्हीं कारणों से बाद में किम्सी जैन ने विकास जैन से शादी कर ली। इसके बाद भी अभिषेक मिश्रा किम्सी जैन से अपना पुराना रिश्ता बनाये  रखना चाहता था। जबकि किम्सी जैन इस रिश्ते को अब खत्म कर चुकी थी। अभिषेक मिश्रा जब ज्यादा ही दबाव बनाने लगा तो किम्सी जैन ने इस बात को अपने पति को बताया। जिस पर उनके पति गुस्सा हो गये और अपने भाई अजीत सिंह के साथ मिलकर अभिषेक मिश्रा की हत्या कर डाली।

शव बुरी तरह खराब हो चुका था

             हत्या करने के बाद उन्होंने शव को अजीत सिंह के बगीचे में दफना दिये जिसके लिए 6 फीट के गड्ढे पहले से खोल के रखें थे। शव के ऊपर नमक डालने से शव काफी बढ़ चुका था। पुलिस को पहचान करने में दिक्कत आ रही थी।

बहुचर्चित था यह मामला

            यह मामला बहुचर्चित हो चुका था। आरोपियों को क्या सजा सुनाई जाएगी ।इस संबंध में लोगों को बेसब्री से इंतजार था। चूंकि अब इस केस में न्यायालय का फैसला 5 साल बाद आ चुका है तथा आरोपी अजीत सिंह और विकास जैन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।किन्हीं जैन को फ्री कर दिया गया है।

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