मिलेगी वैक्सीन की 216 करोड़ डोज
भारत में कोरोना वैक्सीन की कमी जल्दी ही दूर हो सकती है। केंद्र सरकार ने दिसंबर 2021 तक टीके का 216 करोड़ डोज उत्पादन करने की घोषणा की है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-V को मंजूरी दी थी। जो बाजार में बिक्री के लिए अगले सप्ताह से उपलब्ध हो जाएगी।
ये टीके भारतीयों के लिए ही होंगे
नीति आयोग की स्वास्थ्य समिति के सदस्य डॉ वीके पाल ने कहा कि देश में दिसंबर के अंत तक टीके की कुल 216 करोड़ डोज तैयार किए जाएंगे और यह भारतीयों के लिए ही होंगे अर्थात इसे विदेशों को निर्यात नहीं किया जाएगा। टीकों की इन खुराक से वैक्सीनेशन की सारी किल्लत खत्म हो जाएगी और लगभग सभी भारतीयों को वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगा।
भारत में 18 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों की संख्या लगभग 98 करोड़ है। इनमें से लगभग चार करोड़ लोगों को टीके के दोनों रोज लग चुके हैं। इस हिसाब से वैक्सीन के जो 216 करोड़ डोज बनाए जाने वाले हैं वह बाकी के बचे 94 करोड़ लोगों को डबल डोज लगाए जाने के बाद भी खत्म नहीं होगी।
भारत में टीकों के होंगे 8 विकल्प
दिसंबर तक आपके पास आठ टीकों का विकल्प रहेगा। अभी तक हमें कोवैक्सीन और कोवीशील्ड का ही विकल्प उपलब्ध था। दिसंबर तक हमारे पास कोविशील्ड, को-वैक्सीन, बायो-ई, जायडस कैडिला, सीरम की नोवामैक्स, भारत बायोटेक की नेजल, जीनोवा और स्पूतनिक-V मिलाकर कुल आठ वैक्सीन का विकल्प उपलब्ध रहेगा जिनमें से किसी भी टीके को आप लगवा सकेंगे।
कोविशील्ड की दूसरी डोज लगेगी 3 महीने बाद
कोई शिल्ड वैक्सीन की दूसरी डोज, पहली डोज लगाने के 12 से 16 हफ्ते के बाद लगेगी। पहले यहां 42 से 56 दिनों के बीच में लगाया जा रहा था जिसे बढ़ा दिया गया है। इस बात को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। ज्ञात हो को कोविशील्ड वैक्सीन के दोनों डोज के बीच का अंतर पहले 28 दिन था जिसे पूर्व में ही 42 से 56 दिन तक के लिए बढ़ाया गया था। अब इसे 84 से 112 दिन के अंतर्गत लगाए जाने की सिफारिश राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह ने की थी। इसे केंद्र सरकार द्वारा मान लिया गया है। टीके की कमी से जूझते देश के लिए यह एक राहत की खबर है। कोवैक्सीन कि दोनों डोज के बीच का अंतर 28 दिनों का है। इसे बढ़ाने का कोई अनुशंसा समिति ने नहीं की है।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिला भी लगवा सकेंगी टीके
अभी तक गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को वैक्सीन लगवाने का इजाजत नहीं था। लेकिन अब उन्हें वैक्सीन लगवाने का विकल्प दिया जाएगा। इसके साथ ही साइड इफेक्ट की बुकलेट भी उन्हें दी जाएगी और बताया जाएगा कि वैक्सीन लगवाने के क्या साइड इफेक्ट हो सकते हैं और वैक्सीन लगवाने के क्या-क्या फायदे हैं।
भारत में भी अब बच्चों पर वैक्सीन की क्लिनिकल ट्रायल
भारत में भी अब बच्चों पर वैक्सीन ट्रायल की अनुमति दे दी गई है। इसके अंतर्गत 2 साल से 18 साल तक के बच्चों और किशोरों पर वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल किए जाएंगे। ट्रायल के पश्चात 6 महीने में बच्चों और किशोरों के लिए भी वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है।
छत्तीसगढ़ में बच्चों और गर्भवतियों के लिए आईसीयू
छत्तीसगढ़ शासन ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के अभी से तैयारी शुरू कर दी है। तीसरी लहर के बारे में कहा जा रहा है कि यह बच्चों पर ज्यादा असर डालेगा।इसलिए छत्तीसगढ़ में बच्चों और गर्भवती स्त्रियों के लिए आईसीयू और वेंटिलेटर के उपयोग के संबंध में स्वास्थ्य मंत्री श्री टी एस सिंह देव द्वारा महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में बच्चों और गर्भवती स्त्रियों के लिए अलग से आईसीयू बेड की व्यवस्था की जा सकती है।
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